चर्चित लखनऊ गेस्ट हाउस कांड में नाम आने पर भी मनव्वर हसन नहीं गए थे जेल
शामली । यह पहला मौका , जब हसन परिवार का कोई सदस्य जेल की सलाखों से रूबरू हुआ। कायदे-कानून को हमेशा इस परिवार ने अपने तरीके से इस्तेमाल किया है। 13 संगीन मामले दर्ज होने के बाद भी विधायक नाहिद हसन के गिरेबां पर हाथ डालने का पुलिस साहस नहीं जुटा पायी। जांच हुईआरोप पत्र भी कोर्ट में गए लेकिन वह कभी जेल नहीं गए। नाहिद हसन के वालिद मनव्वर हसन के राजनीतिक कैरियर में भी कई ऐसे मोड़ आए जब वह जेल जाने के करीब थे। मन्नवर हसन ने अपनी हुनरबाजी से इन मामलों का न सिर्फ निपटाया बल्कि कभी जेल नहीं गएबसपा सुप्रीमो मायावती के साथ लखनऊ गेस्ट हाउस कांड जैसे चर्चित मामले में भी उन्होंने सभी कयासबाजी को गलत साबित किया। उन्हें जेल में नहीं डाला जा सका।
हसन परिवार ने हमेशा उग्र राजनीति का अनुसरण किया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते है कि हसन परिवार जिस तबके की राजनीति करते थे, उसे उग्र राजनीति का यही अंदाज पसंद है। हसन परिवार के निशाने पर हमेशा से ही प्रशासनिक-पुलिस अधिकारी रहे। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व शामली में इसी अंदाज पर हसन परिवार ने एक तबके की सियासत कर भाजपा समेत सभी दलों को हाशिए पर रखा। पहले कांग्रेस व बाद में भाजपा के दिग्गज हुकुम सिंह अकेले ऐसे शख्स थे, जिन्होंने हसन परिवार की इस उग्र राजनीतिक का विरोध किया।
हसन परिवार व हुकुम सिंह के चिर परिचित द्वंद्व ने दोनों की ऐसी सियासी जमीन दी, जिसके सामने दूसरे दल टिक नहीं पाए। हसन परिवार के करीबी बताते है, पूर्व सांसद अख्तर हसन, मनव्वर हसन, तबस्सुम हसन समेत परिवार के सभी उग्र राजनीति करते रहे। उन पर अपराधिक मामले दर्ज होते रहे, पर कानूनी पेचिदगियों बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकामुनव्वर का नाम लखनऊ गेस्ट हाउस कांड आया। तब भी वह जेल जाने से बच गए। कई बार प्रदर्शन के दौरान हिंसा, आगजनी के बाद पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल सकी।