जामिया मिल्लिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में पुलिस की मारपीट के खिलाफ अब तक कोई कदम नहीं उठाने से नाराज स्टूडेंट्स अब राष्ट्रपति से मदद मांगेंगे। जामिया कॉर्डिनेशन कमिटी (जेसीसी) ने लोगों से अपील की है कि वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जज के नेतृत्व में जांच की मांग करते हुए राष्ट्रपति के नाम चिट्ठी लिखें। स्टूडेंट्स का कहना है कि लाइब्रेरी के अंदर उस दिन क्या-क्या हुआ, इसके विडियो भी सोशल मीडिया में लीक हो गए हैं। पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के साथ जो मारपीट की, उसके सुबूत सामने है, लेकिन अब तक दिल्ली पुलिस के खिलाफ एक्शन नहीं लिया गया है।
लाइब्रेरी में मारपीट के मामले में जामिया प्रशासन और घायल स्टूडेंट्स की ओर से दिल्ली पुलिस को कंप्लेंट पहले ही दी जा चुकी है। मगर एफआईआर नहीं दर्ज होने पर प्रशासन को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा है। मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को है। 22 जनवरी को कोर्ट ने पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट जमा करने को कहा था। जेसीसी का कहना है कि विडियो वायरल होने के बाद क्राइम ब्रांच ने 10 स्टूडेंट्स को पूछताछ के लिए बुलाया था। जेसीसी मेंबर सफूरा कहती हैं, इनमें वे स्टूडेंट्स शामिल हैं, जिन्हें 15 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था और जो लाइब्रेरी में घायल हुए थे। स्टूडेंट्स क्राइम ब्रांच के ऑफिस गए थे, जहां उनसे पूछताछ हुई। मसलन- उन्हें चोट कैसे लगी/ वे उस रात कहां थे/ हिरासत से छूटने के बाद कहां गए वगैरह।
इनके स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए गए हैं। लाइब्रेरी में पुलिस एक्शन को लेकर तीन विडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं। इनमें पुलिस स्टूडेंट्स को रीडिंग रूम में पीटती नजर आ रही है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वो जांच करवाएगी कि विडियो असली है या नहीं। वहीं, जामिया के चीफ प्रॉक्टर की ओर से कहा गया है कि सोशल मीडिया में जारी विडियो असल नजर आते हैं। जामिया प्रशासन ने इन विडियो की कॉपी काफी पहले ही दिल्ली पुलिस को दी है।